अगर आप क्षत्रिय है तो



एक बार पुरा #ये_लेख_पढ़ते ही आपका दिमाग खुल जायेगा.......
#पोस्ट लम्बी है,पर पढ़ना बहुत जरूरी है.
एक नियम है इस धरती पर , की अगर किसी को हराना है तो उसकी मानसिक स्थिति को हरादो, इससे बड़ा से बड़ा शूरवीर हार जाएगा..
एक कूटनीतिज्ञ नियम ये भी है,की जब किसी से वरावरी ना कर सको,तो उसे नीचा दिखाना शुरू कर दो,उसमे कमियां निकालना शुरू कर लो ,अपने आप कुछ दिन बाद समाज मे एक ऐसा माहौल बन जायेगा, की लोगों को उसमे कमियां दिखने लगेंगी...किंयुकि झूँठ को भी अगर बार बार बोला जाए तो वो सच दिखने लगता है......यही सब वर्तमान में भी क्षत्रिय समाज के साथ हो रहा है....और ये बहुत कुटील राजनीति का हिस्सा है.
ऐसा नही है कि इस नियम का उपयोग अभी शुरू हुआ है,ये थ्योरी तो अंग्रेजो ने भी क्षत्रियों के खिलाफ उपयोग की थी,जब अंग्रेज भारत आये, और उन्होनें भारत की सम्पन्नता को देखा, तो उनके मन मे जलन शुरू हुई, और उन्होंने फिर यही खेल खेला....उन्होंने हमारे इतिहास, विज्ञान पर उंगली उठानी शुरू कर दी...जिसमे वो कुछ हद तक कामयाब भी रहे.
इस थ्योरी का प्रयोग सबसे गन्दे तरीके से प्रयोग जनतन्त्र में शुरू हुआ....जब क्षत्रियों को और उनके इतिहास की बराबरी ना करने की बजह से उनपर आरोप लगने शुरू हुए,क्षत्रियों के महाकाव्य रामायण, महाभारत जैसे ग्रन्थो पर भी लोग ऊँगली उठाने लगे,,फिर एक थ्योरी को जन्म दिया गया,की ये सनातनी आर्य विदेशी हैं, ये भारत के मूल निवासी ही नही है...ये प्रोपगैंडा जोरों पर चला, इसका वामपंथियों ने पूरा फायदा उठाया...आर्यों के वंशज आज के क्षत्रिय या राजपूतों को भी किसी ना किसी स्वरचित थ्योरी से विदेशी कहा जाने लगा, ताकि इनका मनोबल टूटे और ये इस फर्जी प्रोपगैंडा का जवाब देते देते शक्तिहीन हो जाये, लेकिन वैज्ञानिकों ने साक्ष्यों के साथ इस फर्जी थ्योरी को झूँठा सावित कर दिया....
आजादी के बाद लिखित इतिहास में क्षत्रिय इतिहास को गायब सा कर दिया था ,,,उस समय क्षत्रिय समाज व्यक्तिगत उथल पुथल में इन बातों से अनजान रहा...और उस वक्त क्षत्रियो की नई पीढ़ी का सृजन हो रहा था...इतिहास में सिर्फ हमारी कमियां लिखीं गयीं, शौर्यपूर्ण इतिहास को तो बिलकुल गायब सा कर दिया गया, और जंहा तारीफ भी की गई वँहा भी नकरात्मक रूप में कई गयी...विरोधियों का प्लान था,की ऐसे नकारात्मक इतिहास को पढ़कर नई पीढ़ी में राजपूतो के खिलाफ हीन भावना तैयार होगी,,,,जब कि असली इतिहास किन्ही और सोर्सेस में दवा पड़ा था....
इसका उदाहरण आपको, दिल्ली के सबसे VVIP जगह पर बनी सम्मानीय सड़को के नाम से दिख जाएगा,,,,आजादी के बाद दिल्ली में औरंगजेब रोड, बाबर रॉड,अकबर रोड,हुमायूँ रोड ऐसी सौकड़ों नाम है.....अब आप खुद सोचिए ऐसे माहौल में आपको क्या सम्मान मिला होगा.....
जनतन्त्र में विरोधियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती थे, राजपूत रजवाड़े ,जिन्होंने जनतंत्र में भी देश के पहले चुनाव में स्वघोषित नेताओ को धूल चटा दी थी.....अब नेताओ ने नया खेल खेला, राजाओ को दी जाने वाली सभी सुविधाओं को बापस ले लिया गया व आरोप लगाया कि आप लोग जनता को लूटते है....लेकिन फिर भी जनता के मन मे अपने भुतपूर्व राजाओ के लिए वही सम्मान था...
इसी के बाद दौर शुरू हुआ ,80 का दशक जंहा क्षत्रियों के खिलाफ बॉलीवुड का उपयोग किया जाने लगा, जिसमे फिल्मो में ठाकुरों को अत्याचारी प्रदर्शित किया जाने लगा,जिन फिल्मों में एक बात देखने लायक थी, इन फिल्मों में सिर्फ ठाकुरों के स्वरूप को दर्शाया जाता था, ना कि इतिहास को...इससे युवा पीढ़ी में ये बात डाल दी गयी कि ठाकुर ऐसे होते है.....और इसमे विरोधी कामयाब भी रहे...
और इसी थ्योरी का प्रयोग आज तक हो रहा है,हमारे खिलाफ किंयुकि आज भी हम चुनौती बनकर खड़े है...
वर्तमान में ये थ्योरी सिर्फ काम कर रही है, इतिहास को लेकर ,यंहा कोशिश ये की जा रही है कि कैसे क्षत्रियों के इतिहास को उनकी परम्पराओं को कैसे नीचा दिखाया जाए,, और साथ साथ मे ही कुछ लोगो के 2-2 फुट के इतिहास को हिमालय जैसा आकार देने की कोशीश की जा रही है...जिन जातियों का इतिहास 1947 से पहले नही था,उनका इतिहास आजादी के बाद थोक के भाव मे सरकारी सरंक्षण में लिखा जा रहा है.जिसमे सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जा रहा है,बॉलीवुड....इतिहास एक परम्परा है,ना कि कोई इमारत जो अचानक से बन जायेगा... मेरा किसी जाति,धर्म से कोई वैर नही है, सब हमारे ही हैं...,मैं सिर्फ उस पड़यँत्र को बताना चाहता हूं,जो अंदर ही अंदर कार्य कर रहा है...
किंयुकि विरोधियों को पता है,की क्षत्रियों के इतिहास को अगर विकृत कर दिया, इनके इतिहास को अगर नीचा दिखा दिया तो ये कौम मुर्दे के समान हो जाएगी....अस्तित्वहीन
और इस मिशन में हमारे खिलाफ ,बॉलीवुड, नेता, राजनैतिक पार्टियां,यंहा तक कि ज्यादातर मीडिया भी खड़ा है...
इन सबका एक ही मिशन है, कैसे भी करके क्षत्रियों को नीचा दिखाया जाए, क्षत्रियों की एक गलती पर बात का बतंगड़ बनाया जाए,
क्षत्रियों के मनोबल को रौंदने के लिए,कभी बॉलीवुड का उपयोग किया जाता है,कभी मीडिया का तो कभी दिलीप मण्डल जैसे वामपंथियों का.....और इन सबके पीछे एक कुटिल बुद्धजीवियों का थिंक टैंक काम करता है.
अब सोचने वाली बात ये भी है,जिस कौम की बहादुरी के चर्चे 7 समुन्द्र पार तक हैं, जिनके इतिहास को सम्मान विदेशी आक्रांता तक देते हों... उस इतिहास को भारत के ही 2 कौड़ी के लोग नीचा किंयु दिखाना चाहते है...बजह साफ है कि, क्षत्रियो को मुख्यधारा से अलग किया जा सके..
अब बताते हैं, की क्षत्रिय क्या हैं,और क्या है इनका इतिहास.....
बैसे हमारे कुछ विरोधी शुरूनसे ही हमारा इतिहास विकृत करने के लिए, जलनवश , रामायण ,महाभारत को कल्पना कहते आये हैं,पर ये हमारा स्वर्णिम प्राचीन इतिहास है. जिसके साक्ष्य आज भी जिंदा हैं...
#क्षत्रिय वो है, जिसने पोरस के रूप में सिकन्दर को भारत से खदेड़ दिया था.
#क्षत्रिय वो है, जिसने इस्लाम के पहले आक्रांता मो.विन कासिम को भारत से अरब तक उल्टे पांव भगाया था.
#क्षत्रिय वो हैं,जिन्होंने इस्लामिक आक्रमणकारियों को बप्पा रावल,नागभट प्रतिहार के रूप में अरब देश तक खदेड़ दिया था,
#क्षत्रिय वो हैं,जिनसे अरब के खलीफा अपनी बेटी व्याहना चाहता था...
जिस स्लाम ने 45 वर्षो में 90 देशों को स्लामिक बना लिया था,उसको भारत मे घुसने में 500 साल लगे, सिर्फ इन #क्षत्रियोँ की बजह से..
#क्षत्रिय वो हैं, जिसने दुनिया के सबसे बड़े किले बनवाये,जिसके आर्किटेक्चर को देखने दुनिया से लोग भारत आते हैं..जिसमे चितौड़गढ़,कुम्भलगढ़, ग्वालियर फोर्ट,खजुराहो जैसे अविश्वसनीय विशालकाय स्थल हैं..
#क्षत्रिय वो हैं,जिससे बचने के लिए महमूद गजनवी ने सोमनाथ लूट के बाद रेगिस्तान का रास्ता चुना,वो अज़मेर के चौहानों से भय खाता था...
#क्षत्रिय वो हैं जिन्होंने तराइन में गौरी को हराकर जीबन दान दिया. और इसी गौरी को भीमदेव सोलंकी ने भी गुजरात से मारकर भगाया था.
#क्षत्रिय वो हैं, जिन्होंने हमीर सिंह सिसोदिया के रूप में सिंगोली युद्ध मे मोहम्मद विन तुगलक को धूल चटाई थी. और बन्दी बनाकर रखा .
#क्षत्रिय वो हैं,जिन्होंने इल्तुतमिश जैसे आक्रांता को कई बार अपने क्षेत्रों से भगाया .
#क्षत्रिय वो हैं, जिसने अलाउदीन खिलजी जैसे क्रूर आक्रांता के आगे हार नही मानी, लाखो क्षत्रिय मरे और मारा भी......क्षत्राणियो ने इतिहास का सबसे बड़ा जौहर किया लेकिन क्षत्रिय आन पर आंच ना आने दी...और तो और अगले कुछ ही वर्षो में मेवाड़ के राजपूतों ने खिलजी को हराकर चितौड़ वापिस ले लिया, इस खिलजी को रणथम्भौर में भी हार कर जाना पड़ा .
#क्षत्रिय वो हैं, जिसने राणा कुम्भा के रूप में भारत को एक महान आर्किटेक्ट दिया,जिसने अपने जीवनकाल में 32 दुर्गों का निमार्ण कराया, जिसमे विश्व की सबसे बड़ी दीवार,कुम्भलगढ़ की दीवार भी शामिल है.
ये वही राणा कुम्भा हैं, जिन्होंने गुजरात और मालवा के सुल्तान को हराकर, विजयस्तम्भ का निर्माण कराया था...
#क्षत्रिय वो है,जिसने डूबते भारत के अस्तित्व को राणा सांगा के रूप में आखिरी उम्मीद को जन्म दिया, जिसने इब्राहिम लोधी, और बाबर जैसे शासक को धूल चटाई थी...
#क्षत्रिय वो है, जिसकी बजह से इसी दौर में विजयनगर व उड़ीसा जैसे सम्राज्य में केसरिया लहराता रहा.
#क्षत्रिय वो है जिसने कलिंजर युद्ध मे शेर शाह शूरी को रौंद डाला था..और वो मारा गया. ये वही शेरशाह शूरी है जिसने गिरी-सुमेल के युद्ध के बाद क्षत्रियोँ के लिए कहा था,की एक मुट्ठी बाजरे के खातिर मैं अपनी सल्तनत खो देता. इस युद्ध मे 6000 राजपूतो का सामना 80 हज़ार अफगानों से था.
#क्षत्रिय वो हैं, जिसने गुलाम होते भारत मे एक बार फिर एकलौती किरण को जन्म दिया था,महराणा प्रताप के रूप में, जिसने भारत का मान रखा, ये एकलौता ऐसा राजा था देश का जो अकबर के सामने नही झुका, और तो और हल्दीघाटी, दिवेर जैसे युद्ध मे अकबर को धूल भी चटाई .
#क्षत्रिय वो है, जिसने बुंदेलखंड से छत्रसाल के रूप में औरंगजेब को खदेड़ा, और बुंदेलखंड को स्लाम मुक्त कराया .
#क्षत्रिय वो है जिसने खालसा धर्म की रक्षा की ,वीर बंदा बहादुर व बज्जर सिंह राठौड़ के रूप में .
#क्षत्रिय वो है, जो लद्दाख को, लड़कर भारत के नक्से में लाये,जनरल जोरावर सिंह जैसे रूप में.
#क्षत्रिय वो हैं,जिन्होंनें अग्रेंजो के खिलाफ सबसे बड़ा मोर्चा लिया, बाबू कुंवर सिंह, ठाकुर कुशाल सिंह आउआ,राम प्रसाद विस्मिल,ठाकुर रोशन सिंह,महावीर सिंह राठौड़ जैसे सैकड़ो महान क्रांतिकारियों के रूप में . या फिर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सैनिकों के रूप में ...
#क्षत्रिय वो हैं जिन्होंने 19वी सदी में भी,7 समुन्द्र पार जाकर विदेशी ताकतों से इजरायल को आजाद कराया,जोधपुर लांसर के रूप में, वो भी तब जब तलवारों का मुकाबला ,मशीनगन से था..इजरायल आज भी हमे सम्मान देता है.
#क्षत्रिय वो हैं, जो इस जनतन्त्र में भी सबसे ज्यादा शहीद होने वाली कौम है, सेना में सबसे ज्यादा वीरता मैडल इन्ही राजपूतो के पास हैं यंहा तक कि 5 परमवीर चक्र..
#क्षत्रिय वो हैं जो थार रेगिस्तान में भी महल बनादे, जो आज 900 साल बाद भी हमारे इतिहास की गवाही देता है, रेगिस्तान में बना जैसलमेर महल , दुनिया के लिए एक अजूबा है..
#क्षत्रिय वो है जिसने आधुनिक भारत को सबसे बड़ा खगोलशास्त्री दिया,सवाई जय सिंह जी जिन्होंने जंतरमंतर नाम की दुनिया की सबसे बड़ी खगोल वैधशाला बनाई.
#क्षत्रिय वो है जो आज भी भारत को सम्मान दिलाते हैं, भारत के 3 शहर जयपुर,जोधपुर, उदयपुर किसी ना किसी बजह से भारत का नाम दुनिया मे रोशन करते रहते हैं..
#क्षत्रिय वो है जिसकी बजह से आज भी भारत को सबसे ज्यादा टूरिस्ट रेवन्यू व रोजगार मिला हुआ है, भारत मे सबसे ज्यादा टूरिस्ट राजस्थान में ही आता है, वो भी सिर्फ इन क्षत्रियो द्वारा बने शहरों,नगरों,महलों को देखने, इसी टूरिज्म से पूरे राजस्थान में लाखों लोगों का जीबन यापन होता है...इसकी कड़ी में मध्यप्रदेश, गुजरात भी है..यंहा भी 80% टूरिज्म इन्ही क्षत्रियोँ की देन है..
#क्षत्रिय वो हैं जो आज भी सनातनधर्म की परम्परा की झलक पूरे विश्व को दिखाते हैं.
विदेशी शासक कहते हैं,की ऐसे राजपूत योद्धा मेरी सेना में हों तो मैं संसार को जीत लूं.
कर्नल टॉड कहता है कि राजपूतो का हर गांव थर्मोपल्ली है.
खानवा के युद्ध के बाद बाबर कहता है कि, राजपूत लड़ना भले ही ना जानते हों,पर इन्हें मरना और मारना बखूबी आता है.
साहित्यकार गणेश शंकर लिखते हैं, की राजपूत राजा अगर किसी और देश मे होते तो वँहा इनकी पूजा होती.
ऐसी हज़ारो बातों हैं, क्षत्रियों के बारे कंहा तक लिखा जाए और कब तक लिखा जाए..
ये वही क्षत्रिय हैं ,जिनकी तारीफ खुद इनका दुश्मन करता है.
बाबरनामा,अकबर नामा में तक भी #राजपूतो की बहादुरी की चर्चा है.....पर इस देश के दो दो कौड़ी के लोगों को इन क्षत्रियोँ में कमियां दिखती हैं.....
सच कहा जाए तो आप दुनिया का सवश्रेष्ठ वर्ग हैं,जिन्हें आर्यन कहा जाता है,जिनका बर्चस्व, परम्परा हज़ारो सालों से चलती रहीं हैं,
दुनिया मे स्लामीक आक्रमणों से जाने कितनी सभ्यताएं विलुप्त हो गयीं पर क्षत्रिय परम्परा क्षत्रीय इतिहास आज भी जिंदा.......बस इसी की जलन है इन विरोधियों को की कैसे इस वर्ग को निष्क्रिय किया जाए, इसलिए आपके साथ mind game खेला जाता है..
वो सिर्फ आपकी 1% कमियों को बढ़ाचढ़ाकर 100% करके दिखाते हैं.....जबकि आपकी महानता, आपका शौर्य, आपका स्वर्णिम इतिहास छुपा लिया जाता है....
वो ये नही चाहते आप अपने कौम पर गर्व करो,वो नहीं चाहते कि आप अपने स्वर्णिम इतिहास पर आहें भरो,वो ये भी नही चाहते कि की आप अपने पूर्वजो की परंपरा का निर्वहन करो....इसलिए उन्हें आपसे जलन होती है..
वो आपके पूर्वजो की जयंती तक मनाना पसन्द नही करते .
और यही बात रवींद्र जाडेजा के केस में हुईं है, इन विरोधियों को डर है,की अगर ये क्षत्रिय नेता ,सेलेब्रिटीज़ खुदको राजपूत होने पर गर्व करेंगे तो इनके मिशन का क्या होगा ....
इसलिए ये ऐसा गेम खेलते हैं, जिनका खुदका दो कौड़ी का इतिहास नही वो,सीधा क्षत्रियोँ की सबसे बड़ी धरोहर उनके स्वर्णिम इतिहास को नीचा दिखाने का काम करते हैं,जिससे क्षत्रिय आहत हो,इनका मनोवल गिरे.....
पर दोस्तो आप लोग तैयार रहें,ऐसे हरामियों को जवाब देने के लिए, हम हर भाषा मे जवाब देंगे, जी भाषा की जरूरत पड़ेगी.
मुझे युवा पीढ़ी पर भरोसा भी है और गर्व भी है कि वो इस खेल को समझने लगी है..
ये एक बहुत बड़ा राजनैतिक थिंक टैंक है,इसको हमे समझना होगा,ये हमारे आस पास के ही लोग हैं,जो बाहर से तो हमे अपना बताते हैं, और अंदर ही अंदर ये गेम प्लांट करते हैं...
#उपाय - सबसे पहले खुदको पहचानो, खुदसे पूंछो की किन महापुरुषों का रक्त आपकी धमनियों में वह रहा है,,अगर इसका जवाव आपको मिल गया तो आप अपने आप आत्मविश्वासी हो जाएंगे....उसके बाद खुलकर गर्व करिये,अपने क्षत्रिय होने पर, उस परम्परा का निर्वहन भी करिये जिसे श्री राम ,श्री कृष्ण ने शुरू किया था...डंके की चोटपर पूर्वजो का गुणगान करिये.....
जिस दिन आम क्षत्रियोँ के साथ साथ क्षत्रिय,नेता ,सेलेब्रिटीज़ आत्मविश्वास से खुदको छाती ठोककर क्षत्रिय कहेगा,, उस पल वो दौर हमारा दास होगा.....और विरोधियो को छुपने की जगह नही मिलेगी....धन्यबाद
जय माँ भवानी 🙏 जय क्षत्रिय धर्म 









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